गुरु पूर्णिमा पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं को दिया संदेश

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व्यक्ति हो या समाज हर एक को इस समय प्रोत्साहन की जरूरत है। समाज का संबल कोरोना संक्रमण से प्रभावित परिवारों की निराशा को आशा में बदलने का काम करेगा। कहा कि कोरोना संक्रमण के दौर में दुनिया की निगाहें भारत की ओर है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना से जान गंवाने वालों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार उन्हें संबल देने की कोशिश कर रही है, लेकिन उन्हें संबल देने के लिए समाज को भी आगे आना होगा। बहुत सारे लोग विपत्ति के समय, संकट के समय, उकसाने व भड़काने के साथ ही अव्यस्था फैलाने का काम कर रहें। ऐसे लोग समाज के शुभचिंतक नहीं हो सकते। मुख्यमंत्री शनिवार को ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में गुरुपूर्णिमा उत्सव को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि सच्चा मित्र वही है जो मनोबल बढ़ाएं, संबल प्रदान करें। न कि हतोत्साहित करे, नकारात्मक सोच बनाए। व्यक्ति हो या समाज हर एक को इस समय प्रोत्साहन की जरूरत है। समाज का संबल कोरोना संक्रमण से प्रभावित परिवारों की निराशा को आशा में बदलने का काम करेगा। कहा कि कोरोना संक्रमण के दौर में दुनिया की निगाहें भारत की ओर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत तमाम विपरित परिस्थितियों

गोरखपुर: गुरु पूर्णिमा के अवसर पर शनिवार को गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने गुरुजनों की पूरे विधि-विधान से पूजा अर्चना कर श्रद्धा निवेदित करते हुए उनका आशीर्वाद लिया। गुरु पूजा के बाद मुख्यमंत्री मंदिर परिसर में मौजूद सभी देव-विग्रहों के दरबार में भी गए और उनकी आराधना की।

गुरु पूजा के क्रम में मुख्यमंत्री ने सबसे पहले सुबह पांच बजे नाथ पंथ के आदि गुरु गोरक्षनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई। महारोट का विशेष प्रसाद चढ़ाकर उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूरे विधि-विधान से आदि गुरु की पूजा सम्पन्न की। आधे घंटे की नाथ पूजा के बाद मुख्यमंत्री बारी-बारी से परिसर में मौजूद सभी देव-विग्रहों के दरबार में पहुंचे और उनकी भी आराधना की। अंत में वह बाबा गंभीरनाथ, ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के समाधि स्थल पर गए और उनकी पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद लिया। पूजा-अर्चना की आनुष्ठानिक प्रक्रिया सम्पन्न होने के बाद मुख्यमंत्री की अगुवाई में गुरु पूर्णिमा पर होने वाली परंपरागत महाआरती का आयोजन किया गया और सभी गुरुओं के प्रति आस्था निवेदित की गई।

गुरु पूजा के बाद मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में गुरु पूर्णिमा उत्सव का आयोजन हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री योगी ने बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर अपने शिष्यों को आशीर्वचन दिया। इस दौरान भजन-कीर्तन का आयोजन भी हुआ, जिसमें लोक गायक राकेश श्रीवास्तव ने अपने साथियों के साथ गुरु महिमा वाले भक्ति गीतों की प्रस्तुति से सभी मंत्रमुग्ध कर दिया। में सहभोज का आयोजन किया गया, जिसमें शहर के प्रतिष्ठित लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान जिले के प्रभारी मंत्री रमापति शास्त्री, बल्लू राय, द्वारिका तिवारी, वीरेंद्र सिंह, सांसद रवि किशन, पीके मल्ल, सीताराम जायसवाल, विधायक संगीता यादव, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह, भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष, पंचायत प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक रमेश सिंह, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राहुल श्रीवास्तव, राजेश गुप्ता, डॉ. सत्येंद्र सिन्हा, बच्चा पांडेय नवीन, ब्रजेश मणि मिश्र, पुष्पदंत जैन, विकास जालान आदि मौजूद रहे।

एवं आशंकाओं के बीच कोरोना महामारी का सामना करते करोड़ की आबादी का जीवन एवं जीविका दोनों बचा रहा है। कहा कि हुए 136 जिस अनुशासन का पालन भारत के सामान्य नागरिकों ने बीमारी के दौरान किया, वह अभिनंदनीय एवं वंदनीय है। सदी की सबसे बड़ी यह महामारी कोई वायरल फीबर नहीं है। इसने पूरी दुनिया को चपेट में ले लिया लेकिन अपने देश के नेतृत्व पर भरोसा कर नागरिकों ने कोरोना गाइडलाइन का अनुपालन किया। भारत की आबादी की एक चौथाई आबादी अमेरिका की है, उनका हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर भी काफी बेहतर है लेकिन वहां भारत से डेढ़ गुना मौते हो जाती हैं।

तीसरी लहर से बचने के लिए करें कोविड गाइडलाइन का पालन

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर ने कुछ देशों और राज्यों में दस्तक दे दी है। अगर हम कोरोना गाइड लाइन का सख्ती से अनुपालन करेंगे तो बचे रहेंगे। इस बीच कोरोना के टीका लगाए वह सुरक्षा कवच का काम करेगा। कोरोना से हम हौसले साथ लड़ेंगे समर्पण नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि अलग अलग समय में कोरोना के अलग अलग रूप दिखाई दिए। लेकिन नेतृत्व जब सकारात्मक सोच का होता है तो सरकारात्मक परिणाम भी आता है।

गुरुजनों के प्रति आस्था निवेदित करने का पर्व है गुरु पूर्णिमा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की समृद्ध सनातन परंपरा को हम विभिन्न पर्व एवं त्योहारों के माध्यम से समझ सकते हैं। जो घटनाएं व्यापक परिवर्तन का कारक बनी समानत परम्परा में उसे किसी न किसी पर्व और त्योहार के रूप मान्यता मिली। ताकि आने वाली पीढ़ी के लिए = प्रेरणा एवं आदर्श प्रस्तुत कर सकेा ऐसे पर्व त्योहार को हम पीढ़ी दर पीढ़ी ■ उमंग, उत्साह और सात्विकता के साथ धर्म पद का अनुसरण करते हुए मना रहे हैं। कहा कि पांच हजार वर्षो से हम गुरु पूर्णिमा का पर्व मना रहे हैं। पांच हजार साल पहले भगवान वेद व्यास ने वेदों की रचना की। उनके – जन्मदिन व्यास पूर्णिमा को हम गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाते आ रहे हैं। यह पर्व हमें गुरु परम्परा और अपने गुरु जनों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है।

मुख्यमंत्री योगी ने गुरु चरणों में निवेदित की श्रद्धा, लिया आशीर्वाद

गोरखनाथ मंदिर में हुआ गुरु पूर्णिमा पूजा का आयोजन

शिष्यों और भक्तों ने लिया गोरक्षपीठाधीश्वर से आर्शीवाद

सहभोज में लोगों नें ग्रहण किया प्रसाद

कोविड प्रोटोकाल पालन, नहीं हुआ तिलक का कार्यक्रम

गोरखनाथ मंदिर में गुरु पूर्णिमा के आयोजन में कोविड प्रोटोकाल का पूरी तरह से पालन कराया गया। सुरक्षाकर्मी और मंदिर प्रबंधन के लोग सभी को मास्क लगाने के लिए प्रेरित करते रहे। मुख्यमंत्री ने भी मंच से तीसरी लहर से बचने के लिए इसे लेकर सतर्कता बरतने की अपील की। प्रोटोकाल के चलते ही गुरु पूर्णिमा पर होने वाले तिलक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया गया। इस आयोजन में शिष्य और भक्त गोरक्षपीठाधीश्वर को तिलक लगाकर उनका आशीर्वाद लेते हैं।

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